आखिर क्यों ? नहीं हुई इन खिलाड़ियों की नीलामी IPL 2025 में ? – Neter.in

नीलामी क्या होता है ?

नीलामी क्या होता है? नीलामी दोस्तों तब होती है जब किसी भी टीम का 1 साल पूरा हो जाता है और जब वह अगले साल परफॉर्मेंस करते हैं तो अपनी टीम के लिए अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को चुनते हैं। उन्हें मौका दिया जाता है। आप अपनी टीम में कोई सभी खिलाड़ी खरीद सकते हैं। नीलामी ऑनर्स करते हैं जो टीम के होते हैं और अब बता दो आपके दोस्तों ऑनर्स जो भी टीम में जो भी खिलाड़ी अच्छा खेलता है, उसको खरीद सकते हैं। उसके ऊपर बोली लगाई जाती है। यह एक फिक्स रुपए के ऊपर लगाई जाती है। एक टीम को फिक्स बजट दिया जाता है कि इसके अनुसार आप क्यों कितना भी खिलाड़ी महंगा ले सकते हैं? मेरा मतलब है आईपीएल की नीलामी हुई थी। नीलामी उन खिलाड़ियों की होती है जो पिछले मैच में अच्छा परफॉर्मेंस करते हैं। अपना अच्छा नेतृत्व निभाते हैं। दोस्तों कुछ लोग बहुत अच्छा नेतृत्व निभाया है और उनको सब लोग जानते हैं। लेकिन फिर भी उनको आईपीएल के नीलामी में नहीं रखा गया। आखिर क्यों?

दोस्तों हाल ही में आईपीएल 2025 का नीलामी हुआ था जिसमें कहीं सारे खिलाड़ियों को बहुत अच्छा पैसा मिला था। कई सारे खिलाड़ी बहुत अच्छी दर पर खरीदे गए थे। लेकिन कुछ खिलाड़ी जो की बहुत ज्यादा फेमस है। बहुत पॉपुलर थे लेकिन वह नहीं खरीदी सके क्यों क्योंकि इसके पीछे कोई आसान नहीं। बहुत बड़ा कारण है। मैं आपको सारी जानकारी नीचे आर्टिकल में दूंगा। कृपया इस आर्टिकल को आप पूरा देखें और धएक-एक स्टेप समझिए कि क्यों आखिर उनका अनसोल्वड कर किया गया। क्यों उनको नहीं खरीदा गया दोस्तों सारी जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से मिल जाएगी तो आप इसे ध्यान से समझिए। धन्यवाद।

10 बड़े नामी गिरामी प्लेयर्स ?

  • डेविड वार्नर
  • शार्दुल ठाकुर
  • पृथ्वी शॉ
  • जॉनी बेस्ट्रो
  • केन विलियम्सन
  • डेरेल मिशेल
  • जिमी ऐन्डरसन
  • स्टीव स्मिथ
  • मुस्तफिजुर रहमान
  • उमेश यादव

नीलामी की प्रक्रिया ने कर दिया है। सभी को हैरान क्योंकि इन 10 बड़े नामी गिरामी प्लेयर्स को नहीं मिला है एक भी रुपए का भाव। आखिर क्यों अनसोल्ड हुए है ये 10 बड़े प्लेयर्स चलिए दोस्तों शुरुआत कर लेते है। पहला बड़ा नाम इस लिस्ट में है डेविड वार्नर का जिया बहुत हैरानी वाली बात है। ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर, आई पी एल के। स्टार खिलाड़ियों में से एक 2,00,00,000 की बेस प्राइस के साथ नीलामी में बिकने के लिए आए थे। ये मेगा ऑक्शन था लेकिन वार्नर को किसी ने नहीं खरीदा और इतिहास में पहली बार वो अनसोल्ड हो गए। इसके पीछे जो दोस्तों दो बड़े कारण है।

डेविड वार्नर –

आखिर को वार्नर के ऊपर बोली नहीं लगी क्योंकि एक जमाने में आई पी एल की कई टीमें इनके लिए मरती थी। रीसन है भैया पहला रिटायरमेंट ये इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर हो गए हैं। दूर हो चूके हैं। रिसेंटली इन्होंने प्रपोजल नीलामी से पहले रखा था कि वो बॉर्डरगावस्कर ट्रॉफी खेलना चाहते हैं, लेकिन इवेंचुअली क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कह दिया कि भैया अब आप रिटायर हो, रिटायर ही रहो, दूसरी। एक चीज़ दोस्तों ये है कि लगातार पिछले तीन सालों से आई पी एल में डिक्लैन हो रहा है। इनका फॉर्म और आई पी एल में अब एक ट्रेंड बन चुका है। अगर आप फॉर्म नहीं शो कर सकते 1 साल 2 साल मैक्सिमॅम टीम में 3 साल देखेंगे और उसके बाद दोस्तों नए विकल्पों की और तलाश की जाती है। नए प्लेयर्स बहुत सारे हैं और नए खिलाड़ियों के ऊपर बहुत। वही चीज़ वार्नर के साथ हुई। रिटायर प्लेयर्स से ऑलरेडी टीमें दूर भागती हैं और दूसरा बड़ा रीसन इनका फॉर्म था अगर ये फॉर्म देते रहते ना भाई तो दो ₹3,00,00,000 में बिक जाते लेकिन क्योंकि फॉर्म भी नहीं आया तो टीमों का भरोसा उठ चुका था। दट्स व्हाई दिल्ली ने नहीं रिटर्न किया दट्स व्हाई हैदराबाद की टीम ने भी दो 3 साल पहले इनको रिलीज़ कर दिया था।और अब स्थिति ये है कि वार्नर हमें एस ए प्लेयर आई पी एल में नहीं दिखने वाले हैं। थोड़ा सा दुख हुआ दोस्तों को क्योंकि एक जमाने में 2013, 141516 का वो दौर याद आता है जब वार्नर बहुत बड़ा नाम थे। खैर है तो अभी भी लेकिन कभी सोचा नहीं था उस टाइम की कि वार्नर इस तरह से आई पी एल से एकदम से गायब हो जाएंगे तो सचमुच यार। अनसोल्ड हुए बुरा लग रहा है पर वार्नर के लिए लाइक जरूर बनता है। इन्होंने जो आई पी एल के लिए किया, बहुत कम प्लेयर कर पाए।

शार्दुल ठाकुर –

आगे बढ़ते है। दूसरा बड़ा नाम इस लिस्ट में है भारत के काइंड ऑफ ऑल राउंडर शार्दुल ठाकुर का। 2,00,00,000 की बेस प्राइस में भारत का ये ऑल राउंडर बिकने के लिए आया था। बहुत सारी प्रिडिक्शन ऑलरेडी ये चल रही थी की शार्दुल ठाकुर पर बहुत लंबी बिडिंग नहीं लगेंगी लेकिन अनसोल्ड हो जाएंगे, ये किसी ने सोचा नहीं था। अच्छा इनके पीछे के भी दो तीन बड़े रीसन हैं। अनसोल्ड होने के पहली बड़ी चीज़ तो दोस्तों ये कि इनका फॉर्म भी चाहे इंटरनेशनल क्रिकेट हो, चाहे भारत का डोमेस्टिक क्रिकेट हो, चाहे आईपीएल हो। लगातार डिक्लाइन पे था वो शार्दुल ठाकुर हमें दिखाई नहीं जो एक जमाने में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया में खेला करता था या फिर एक जमाने में ये चेन्नई जब खेलते थे तो लगातार ठाकुर साहब का फॉर्म डिक्लैन हुआ और जैसा कि मैंने बोला है दोस्तों कि अब वो ज़माना नहीं रहा आई पी एल में। जब अगर कोई खिलाड़ी नहीं भी चले तो सिर्फ नाम के आधार पर बिक जाए क्योंकि हो ये गया है कि भारत का डोमेस्टिक क्रिकेट भी बहुत मजबूत हुआ है तो वहाँ से भी प्लेयर्स निकल कर आते हैं। दुनिया भर में अब टी 20 लेग्स हो रही है तो वहाँ से भी नए नए प्लेयर्स निकल कर आते हैं। टीमों के पास विकल्प बहुत रहते हैं, इसलिए टीमें कभी भी किसी एक प्लेयर के नाम पर बोली नहीं लगाती और वही अभी हुआ। दोस्तों ठाकुर साहब के साथ ₹2,00,00,000 की बेस प्राइस है। अनसोल्ड हुए। बुरा तो इनके लिए भी लग रहा है, लेकिन अभी तो ज्यादा भैया वार्नर के लिए ही लग रहा है। बाकी आप बताओ, दोस्तों को ठाकुर साहब को बिकना चाहिए था या नहीं? और आप भी बताओ दोस्तों की वार्नर और ठाकुर, इन दोनों में से बुरा आपको किसके लिए ज्यादा लग रहा है? अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिख देना। आगे बढ़ते 200 तीसरा बड़ा नाम इस लिस्ट में है। दिल्ली के ही खिलाड़ी पृथ्वी शॉ का। लाख की बेस प्राइस में पृथ्वी शॉ आये थे। नीलामी में अपनी बेस प्राइस कम इसलिए करी थी उन्होंने, क्योंकि इन्हें भी पता था कि शायद बिड्डिंग नहीं होगी शायद। नहीं बिक पाएंगे, शायद पैसा नहीं मिलेगा। लेकिन इन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक भी टीम एक भी रुपए नहीं लगाएगी।

पृथ्वी शॉ

भैया पृथ्वी शॉ के साथ है ना दिक्कत बहुत ज्यादा है और ये दिक्कतें है ना? पृथ्वी शॉ को अब खाना शुरू कर गई हैं क्योंकि एक जमाने में कहा जाता था कि भारत के नेक्स्ट सचिन तेन्दुलकर होंगे। ये भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेल है। टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह बना ली। आई पी एल में तो भाई इनको ऑरेंज कैप की दौड़ में अब हर साल भागता हुआ देखते थे, लेकिन पिछले 3 साल से यह विनोद कांबली बन गए सचिन तेन्दुलकर से और अब ये पार्टियों में आपको ज्यादा दिखेंगे। एक बैड फिगर के रूप में अब ये ज्यादा अपने आपको प्रोजेक्ट करने लगे हैं और भैया फद्दो में आपको ज्यादा दिखेंगे फॉर्म। ये लगातार आता नहीं है, डोमेस्टिक क्रिकेट से बाहर है। आईपीएल में लगातार तीन सालों से फॉर्म नहीं था। ये सारी चीजें इनके डाउनफॉल का कारण बनी। पृथ्वी शॉ को अब वापसी करना है तो भारत के डोमेस्टिक को लोकल क्रिकेट में बड़ी क्रिकेट खेलनी पड़ेगी, तगड़ी क्रिकेट खेलनी पड़ेगी। अदर्वाइज़ भैया ऐसी स्थिति है इनके लिए, फिर बनती रहेंगी 75,00,000 बेस प्राइस अनसोल्ड हुए। हमने पहले ही भाप लिया था और हमने पहले ही अपनी वीडियो में कई बार ये बोला था की पृथ्वी शॉ के लिए नीलामी बुरे सपने की तरह होगी। बाकी आप बताओ इन्हें देखना चाहिए था नहीं अपनी राय आप इस पर कमेंट बॉक्स में दे देना आगे बढ़ते है। चौथा बड़ा नाम है दोस्तों।

जॉनी बेस्ट्रो –

जॉनी बेस्ट्रो 2,00,00,000 की बेस प्राइस के साथ ये विस्फोटक बल्लेबाज इंग्लैंड का नीलामी में आया, लेकिन नहीं बिके। इसका रीसन है दोस्तों पिछले 3 साल यार पिछले दो तीन सालों से पहले बेस्ट्रो आपको हर बार तगड़ा क्रिकेट खेलते हुए नजर आते होंगे, लेकिन अब बेस्ट्रो के साथ स्थिति ये है कि इंग्लैंड की क्रिकेट से दूर हुए हैं। इंग्लैंड की डोमेस्टिक क्रिकेट में नहीं चल रहा है और आई पी एल में कन्सिस्ट्रन्ट्ली नहीं चल रहे हैं। इंजरी एक मेजर इश्यू इनके लिए बन गया है। हाँ, अगर ये 50,00,000 की बेस प्राइस में आते है तो जरूर हो सकता है बैकअप के रूप में कोई भी टीम 1,00,00,000 में रख लेती, लेकिन यार देखो को एक और प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। हुआ ये है कि ऑक्शन में विदेशी बल्लेबाज बहुत सारे थे तो टीमों का जो मेन फोकस था वो फील साल्ट हो गया। बटलर जैसे खिलाड़ियों पर था। मैकगर्क जैसे प्लेयर्स के ऊपर था तो जब ऑप्शन्ज़ बहुत ज्यादा होंगे ना। मेगा ऑक्शन में तो अगर आप एवरेस्ट से थोड़ा सा भी कम परफॉर्म करोगे आप अनसोल्ड हो जाओगे। और विदेशी खिलाड़ियों के लिए जहाँ कोटा ऑलरेडी बहुत कम होता है, लिमिटेड होता है, बिकना बड़ा मुश्किल होता है। आपको एक नेक्स्ट लेवल क्रिकेट खेलनी पड़ती है तो बेस तो अगर ये छोटी नीलामी होती तो शायद बिक भी जाते है। बड़ी नीलामी में कॉम्पिटिशन का शिकार हो गए ₹2,00,00,000 की बेस प्राइस थी। लगातार डिक्लाइन होते हुए फॉर्म और इंजरी इश्यू के कारण ये अनसोल्ड हुए। बाकी आप बताओ आप के हिसाब से ना बिकना चाहिए था की नहीं अपनी राय आप बॉक्स में लिख देना।

केन विलियम्सन

पांचवा बड़ा नाम इस लिस्ट में आता है। पूर्व गुजरात टाइटन्स के प्लेयर कने विलियम्सन का 2,00,00,000 की बेस प्राइस के साथ आये। नहीं बिके लगातार हमने ये डिक्लाइन देखा है। हर सीज़न दर सीज़र हमने कने विलियम्सन को नीचे जाते हुए देखा है। अब प्रॉब्लम ये हो गयी थी विलियमसन के साथ की पहले जमाने में जब वो कप्तानी करते थे हैदराबाद की, वहाँ से ये पिछले सीज़न में अपनी प्लेइंग 11 में जगह नहीं बना पाए। गुजरात टाइटन्स में तो वो प्रॉब्लम थी। इंजरी दूसरा इनका बड़ा इश्यू है। इनकी छवि एक टेस्ट क्रिकेट की हो गयी है। तो ये सारी चीज़े आई पी एल टीम में इनसे दूर भागती है। आप कितने भी बड़े प्लेयर हो जो रूट को भी हमने आई पी एल नीलामी में आते हुए देखा है को भी एक जमाने में आते हुए देखा है लेकिन इन पर भाव नहीं लगता है क्योंकि रीसन ये है की जब आपकी छवि टेस्ट क्रिकेट की है ना तो आप नहीं बिकोगे आई पी एल में हमने चेतेश्वर पुजारा को भारत के हवाले से लगातार टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए देखा लेकिन आई पी एल टीमों से लगातार नदारद होते हुए भी देखा तो वही चीज़ विलियमसन के साथ हो गयी है। आपको शायद डिक्लैन हो फॉर्म का आप कुछ भी बोलो पर 2,00,00,000 की बेस प्राइस में सचमुच इनका बिकना मुश्किल था जब आप लगातार आईपीएल में प्लेइंग 11 में जगह नहीं बना पाओगे गुजरात टाइटन्स की टीम में से तो आप वही एक्सपर्ट कर भी नहीं सकते की टीमें आप पर फिर बोली लगाएंगी तो विलियमसन का एक्सपेक्टेड था नहीं बिकेंगे रीसन मैंने आपको बताया कमेंट बॉक्स में आप बताओ इन्हें बिकना चाहिए था या नहीं? अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में

डेरेल मिशेल –

आगे बढ़ते दोस्तों छठवाँ बड़ा नाम इस लिस्ट में आता है। डेरेल मिशेल का पिछले साल ₹14,00,00,000 में चेन्नई की टीम में बिके डेरेल मिशेल 2,00,00,000 की बेस प्राइस के साथ नीलामी में आए और किसी ने नहीं खरीदा। ये सचमुच हैरान करने वाली बात थी। दोस्तों, हालांकि दोस्तों मुझे उतनी हैरानी नहीं हुई क्योंकि जब आप 14,00,00,000 का प्राइस टैग लेकर आते हो और चेन्नई कि टीम में प्रदर्शन नहीं करते और उसके बाद से ही आपने इंटरनेशनल क्रिकेट में कहीं नहीं चले, आप ना डोमेस्टिक क्रिकेट से दूरी बना रहे हो तो उससे टीमों को इतना भाप और इतना क्लियर लग जाता है कि भैया बंदे को 14,00,00,000 मिल चूके हैं। अब बंदा रिटायरमेंट का प्लान कर रहा है और डेरेल मिचेल का लगातार डिक्लैन होता हुआ फॉर्म ये बताता है कि मिचेल साहब अब शायद दूरी बना रहे हैं, क्रिकेट से उतना जायज फोकस नहीं कर रहे होंगे क्योंकि यार देखो वो बहुत बड़ा मोटिवेशन मनी होता है जो इनको मिल चुका है तो डेरेल मिचेल का नहीं बिकना रीसन क्लियर था, पिछला सीज़न नहीं चले और टीमों को उस पोज़ीशन में उस जगह पर जिसपे ये मिचेल साहब खेलते हैं जो ऐट्रिब्यूट्स लाते है शायद जरूरत भी उतनी नहीं थी। दट्स व्हाई मिचेल नहीं बिके बाकी आप बताओ बिकना चाहिए था नहीं इस पर आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में बताना।

जिमी ऐन्डरसन –

दोस्तों सातवाँ बड़ा नाम आता है जिमी ऐन्डरसन का 1.25 की बेस प्राइस में आए जिमी ऐन्डरसन अनसोल्ड हो गए। हमने 10 खिलाड़ी बताये थे जो हमने प्रीडिक्ट किये थे नहीं बिकेंगे उनमे से सात नहीं बिके है तो हमने ऑलरेडी छह सात का प्रीडिक्ट कर दिया था की ये नहीं बिकेंगे उनमे से जिमी ऐन्डरसन का भी नाम था। अब देखो का नाम क्यों था? आप जब अपने प्राइम पर थे तब तो आप आई पी एल खेलने आए नहीं, एक बार बिके थे आप एक जमाने में तब भी आपने आने से मना कर दिया, उस समय आपका कुछ अलग था। आप जब आपका प्राइम जा चुका है आप रिटायर हो गए हो। 4042 साल की उम्र में आप आई पी एल खेलने आओगे और बोलोगे। मैं तेज़ गेंदबाजी करूँगा भाई मैं एंटर बनके आते तो टीमे लेती भी तो यार देखो एंडरसन का तो पक्का था और मेरे हिसाब से अच्छे नहीं। विके भाई ये प्लेयर? क्योंकि जब आप आई पी एल को कुछ नहीं समझते थे उस समय जब आप आई पी एल खेलने से मना करते थे और टीम में जब आपको एप्रोच करती थी, ऑक्शन से एप्रोच आता था, मना करते थे तो अब अब क्यों खेलने आ रहे हो? जब आप रिटायर हो गए हो तो रिटायरमेंट का पैसा लेने आ रहे हो क्या? आई पी एल में दट्स व्हाई एक दो ₹5,00,00,000 बहुत स्मार्ट्ली भैया? जिमी ऐन्डर्सन ने 2,00,00,000 की बेस प्राइस नहीं रखी। ₹1.25,00,00,000 की रखी कि भैया इतनी ही मिल जाए तो ठीक है, रिटायरमेंट कॉर्पस हो जाएगा। लेकिन भैया एंडरसन साहब को क्या पता था कि नीलामी में और स्मार्ट लोग बैठे हुए हैं तो एंडरसन नहीं बिके, अच्छा हुआ ।

स्टीव स्मिथ –

आगे बढ़ते आठवां बड़ा नाम इस लिस्ट में आता है 200 स्टीव स्मिथ का। यार देखो स्टीव स्मिथ को लेकर बहुत ज्यादा हाइप क्रियेट थी, जब से रिकी पोंटिंग पंजाब में गए थे। लगातार बात ये थी की हो सकता है भैया पंजाब की टीम इनको एस ए कैप्टन प्रोजेक्ट करे। लेकिन जब आपको ₹27,00,00,000 के ऋषभ पंत मिल गए थे तो फिर उसके बाद पंजाब का तो खेल खत्म वही हो गया था कि वो इन पर ₹1 की भी बोली नहीं लगाएगी। लगातार इंटरनेशनल क्रिकेट में खराट फॉर्म है। इंडियन प्रीमियर लीग से ये वैसे ही दूर हुए हैं। वैसे ही निकाले गए हैं या अनसोल्ड हुए? जैसे इस सीज़न में वार्नर हुए हैं तो दो तीन सीज़न पहले ही स्टीव स्मिथ का ऐसा कल्याण हो चुका था तो कुल मिलाकर स्टीव स्मिथ के नहीं बिकने का रीसन यही है लगातार खराब फॉर्म, लगातार बल्ला नहीं चलना, लगातार आई पी एल से अनसोल्ड होना और इंटरनेशनल क्रिकेट में उस बीच कोई छाप भी नहीं छोड़ सके। अब कप्तानी का एक मोर्चा था तो वहाँ पर ऑलरेडी। हमने देखा कि किस तरह से भैया पंजाब में जा सकते थे। वहाँ पर ऋषबपन 27,00,00,000 में चले गए तो भैया पंजाब तो फिर कोई सोच ही नहीं सकती थी। दट्स व्हाई ये अनसोल्ड हो गए क्योंकि दूसरी कोई टीम तो वैसे भी इंट्रेस्टेड थी नहीं। 2,00,00,000 की बेस प्राइस वैसे ही बहुत ज्यादा होती है तो स्टीव स्मिथ बिके नहीं बिके, आपके हिसाब से बिकना चाहिए था या नहीं, इस पर आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में बताना

मुस्तफिजुर रहमान –

नौवा बड़ा नाम आता है दोस्तों बांग्लादेश के मुस्तफिजुर रहमान का पिछला सीज़न तो बहुत अच्छा गया था ना मुस्तफिजुर रहमान का। लेकिन हमने अनसोल्ड प्लेयर्स वाली वीडियो में बता दिया था। आपको नीलामी से पहले ही की बेशक अच्छा गया हो। पिछला सीज़न लेकिन मुस्तफिजुर रहमान नहीं बिकेंगे। 2,00,00,000 की बेस प्राइस में मुस्तफिजुर रहमान। दिक्कत इनके साथ ये है की इनका जो क्रिकेट बोर्ड है ना वो बहुत उल्टा चलता है। अभी ये बिक जाते है तो ये मई जून में कहकर खड़ा हो जाता। इनका क्रिकेट बोर्ड की हमारे प्लेयर को वापस बुला अब इन्हें वापस जाना पड़ता है। इन पर 2 साल का आईपीएल बैन लग जाता तो टीमों ने भाई इस पूरे फड्ढे में पड़ने की कोशिश ही नहीं की। उन्होंने कहा, दूसरे तेज गेंदबाज़ बहुत आये हुए हैं। ले लेंगे। इस दट्स व्हाई मुस्तफिजुर रहमान नहीं बीके। जब तक ये बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ठिकाने पर नहीं आएगा, इनके खिलाड़ियों को ऐसा ही फेस करना पड़ेगा। भाई आप दो महीने ढ़ाई महीने का आई पी एल होता है। अगर आपके बड़े प्लेयर्स से आकर खेलेंगे और एक्सपीरियंस लेकर जाएंगे तो इसमें इविन्चवली बांग्लादेश की क्रिकेट टीम को ही फायदा होगा। ना? लेकिन आप अपने खिलाड़ियों पर इस तरह के चलाते हो, ऐसे नियम बनाते हो जैसे पता नहीं आप आई सीसी को आप ही चला रहे हो तो बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को समझना पड़ेगा और उस रीसन से हमारे रहमान साहब नहीं बिके है, ये क्लियर रीसन मैं पहले ही बता चुका था

उमेश यादव –

दसवा बड़ा नाम है उमेश यादव। 2,00,00,000 की बेस प्राइस में हमारे उमेश यादव भी आये थे, लेकिन उमेश यादव पर नहीं लगेंगी। बोली, ये चीज़ भी मैं ऑलरेडी कर चुका था। देखो यार उमेश यादव का लगातार इनकनसिस्टेंट फॉर्म आईपीएल में इनको ले डूबा है। इनके साथ प्रॉब्लम ये है की ये जीस सीज़न में चलेंगे तो खूब चलेंगे लेकिन फिर दो तीन सीज़न ये बहुत ज्यादा शांत हो जाएंगे। विकेट लेस्स भी जा सकते है। तो इनका कोई भरोसा नहीं है। भाई 2,00,00,000 की बेस प्राइस में आया तो अब प्रॉब्लम ये हो गयी है की भारत के डोमेस्टिक क्रिकेट में भी नहीं चल रहे है। एज फॅक्टर इनके सामने आगया। एस ए 333435 के बाद फिर आपके ऊपर एज फॅक्टर सवार होने लगता है। क्योंकि पेस बॉलर की क्या है ना एक बहुत कम ऐसे पेस बॉलर है जो 4042 तक खेलते है। बाद फिर आपको बोला जाता है अब आप एस ए तेज़ गेंदबाज़ रिटायर हो, पेस और गति कम हो जाती है। वो सारी चीजें उमेश यादव के खिलाफ़ चली गई तो ये थे भैया 10 बड़े नाम जो की हो गए अनसोल्ड। मैंने रीसन बताया कमेंट बॉक्स में आप बताओ इनमें से किसे मिल जाना चाहिए था, किसे नहीं और क्यों? अपनी राय कमेंट में दे।

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